Everything about Neeraj Chopra Biography in Hindi

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फिर उन्होंने भी भाला फेंकने की सोची और javelin throw शुरू कर दिया।

यहां जानें नीरज चोपड़ा ने कितने जीते मेडल

इनके परिवार में कुल पांच भाई बहन है जिनमें नीरज सबसे बड़े है। इनकी दो बहने भी है अपने छोटे भाई बहनों के अलावा गांव के कुछ अन्य लड़कों को अपने गांव में नीरज अक्सर जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देते हैं।

एथलीट प्रोफाइल

दोस्तों नीरज चोपड़ा की जीवनी में हमने आपको बताया कि किसी समय अपने लिए एक प्रोफेशनल जैवलिन न खरीद पाने वाले नीरज चोपड़ा पर टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मानों रुपयों की बारिश होने लगी, जो इस प्रकार हैं-

ओलंपिक उपलब्धि को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को किया समर्पित –

नीरज चोपड़ा जय चौधरी को देखकर भाला फेंक के खेल के लिए आकर्षित हुए थे।

उन्होंने बताया की उनके परिवार में वो पहले ऐसे व्यक्ति थे जिसे सरकारी नौकरी मिली है ,इससे पहले कोई उनके परिवार में किसी सरकारी पद पर नहीं रहा। अत्यंत click here सरल स्वभाव में उन्होंने बताया की वो अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अब अपने परिवार की आर्थिक तौर पर भी मदद कर पाएंगे।

भारत के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक खिलाड़ी

ओलंपिक उपलब्धि को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को किया समर्पित –

एशियाई गेम्स चैंपियनशिप गोल्ड ग्लोरी

नीरज चोपड़ा ने अपनी इस बुलंदी तक पहुंचने के लिए अनेकों प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त किए और नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के दिग्गज जैवलिन थ्रो खिलाड़ी उवे होन के अंतर्गत रहकर सीखा। नीरज चोपड़ा ने जिस कोच से जैवलिन थ्रो सीखा था, वह एक सेवानिवृत्त जर्मनी ट्रैक और फील्ड एथलीट थे, जिन्होंने भाला फेंकने में भाग लिया था।

नीरज चोपड़ा को जैवलिन थ्रो के इस खेल में लगभग पांच चांस मिले थे, जिसमें ये सभी मैचों में प्रथम स्थान पर बने रहे, परंतु नीरज चोपड़ा का चौथा प्रयास विफल (फाउल) रहा।

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